Travel Experience of SSC CHSL Tier 1 2022 Exam

SSC CHSL Tier 1 2022 Exam
SSC CHSL Tier 1 2022 Exam
इंगलिश बोलना सीखो स्पेशल ऑफ़र
Staff selection commission combined higher secondary level tier 1 examination 2022


SSC CHSL tier1 2022 का एग्जाम 30 मई 2022 को ion digital zone सेक्टर 62 में संपन्न हुआ। मेरी बेटी का भी SSC का एग्जाम था। इसलिए घर से एग्जामिनेशन सेंटर तक हम लोग कैसे पहुंचे उसका अनुभव में आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूं। मैंने सुबह जल्दी उठ कर एग्जाम सेंटर तक पहुंचने की तैयारी शुरू कर दी थी क्योंकि मुझे पता है कि नोएडा सेक्टर 62 काफी दूर है। हम लोग पश्चिमी दिल्ली के इलाके में रहते हैं और यहां से नोएडा सेक्टर 62 जो कि दिल्ली एनसीआर उत्तर प्रदेश में पड़ता है।


SSC CHSL Tier 1 examination 2022 एग्जाम रिर्पोटिंग टाइम दोपहर 2:30 बजे का था, एग्जामिनेशन सेंटर हम लोग दिल्ली ट्रांसपोर्ट निगम की बसों से जाएंगे तो शायद ज्यादा टाइम लगे क्योंकि सोमवार का दिन होने के कारण एक तो ट्रैफिक की भीड़ ज्यादा होती है और जगह-जगह रेड लाइट भी होती रहती है। ऑटो से अगर हम नोएडा सेक्टर 62 जाते हैं तो ऑटो वाले का किराया काफी ज्यादा होगा क्योंकि नोएडा सेक्टर 62 दिल्ली एनसीआर यानी कि उत्तर प्रदेश में पड़ता है। इसलिए हम लोगों ने दिल्ली मेट्रो से जाने का फैसला किया।



दिल्ली में मेट्रो की अलग-अलग लाइनें हैं और हर लाइन को अलग-अलग कलर के नाम से जाना जाता है। हम लोग करीब दोपहर 12:15 बजे ग्रीन लाइन मेट्रो में बैठ कर कीर्ति नगर मेट्रो स्टेशन पर उतर गए और वहां से सेक्टर 62 की ब्लू लाइन मेट्रो पकड़ ली। मेट्रो में काफी ज्यादा भीड़ थी क्योंकि उसमें अधिकतर वह कैंडिडेट थे जिन्हें SSC एग्जामिनेशन सेंटर पहुंचना था। करीब दोपहर 2:00 बजे हम लोग नोएडा सेक्टर 62 के मेट्रो स्टेशन पर उतर गए। मेट्रो स्टेशन के एंट्री गेट पर काफी लंबी लाइन लगी हुई थी क्योंकि जिन कैंडिडेट्स का सुबह SSC CHSL TIER 1 का exam था वह अपना exam देकर वापस आ रहे थे। आज धूप काफी तेज है और हवा भी बंद है exam centre भी करीब 2 किलोमीटर दूर है।


हालांकि मेट्रो स्टेशन पर बैटरी रिक्शा वाले और ऑटो वाले भी थे किंतु भीड़ ज्यादा होने की वजह से कोई भी खाली नहीं था। हम लोग पैदल ही चल दिए क्योंकि ज्यादा देर इंतजार करेंगे तो शायद काफी लेट हो जाएंगे, काफी संख्या में कैंडिडेट पैदल ही जा रहे थे हम भी उनके साथ चल दिए। धूप बहुत तेज थी लेकिन धूप की परवाह ना करते हुए हम SSC exam center digital zone तक पहुंच गए।



SSC CHSL tier 1 exam center के बाहर एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स और उनके पेरेंट्स की बहुत ज्यादा भीड़ थी। कहीं भी बैठने का कोई इंतजाम नहीं था और सब लोग कड़ी धूप में ही पसीने से तरबतर होकर खड़े हुए थे। काफी संख्या में लोग एक घंटे डेढ़ घंटे पहले ही आकर खड़े हो गए थे। इतना बड़ा exam होने जा रहा है तो मानवता के तहत छाया का इंतजाम किया जा सकता था। लेकिन प्रशासन की ओर से ऐसा कुछ भी इंतजाम नहीं था। एक कैंडिडेट को धूप से चक्कर आ गए और वह वहीं पर गिर गई। दोपहर 2:30 बजे अनाउंसमेंट शुरू हुई की सारे कैंडिडेट लाइन लगा ले। कड़ी धूप के अंदर ही काफी लंबी लाइन लग गई। कैंडिडेट की वेरिफिकेशन होने के बाद अंदर भेजा जा रहा था।



लेकिन मेरा सवाल सिर्फ इतना सा है कि क्या आप लोगों को नहीं लगता कि जो बच्चे दूसरे स्टेट से एग्जाम देने आएंगे वह घर से जल्दी ही निकलते हैं यह सोच कर कि देर ना हो जाए। इसलिए एग्जाम सेंटर के बाहर छाया का इंतजाम होना चाहिए था। राज्य सरकारों को ऐसे एग्जाम के बारे में क्या कोई जानकारी नहीं होती है क्या? या जानबूझकर कोई इंतजाम नहीं किया जाता।



बहरहाल सब कैंडिडेट एग्जामिनेशन सेंटर के अंदर जा चुके थे और उनके साथ जो पेरेंट्स आए थे वह सब जहां भी हल्की फुल्की छाया दिखी वहां इकट्ठा होकर बैठ गए। मैंने छाया की तलाश में नजर दौड़ाई तो मुझे सामने वाली बिल्डिंग के छज्जे के नीचे हल्की फुल्की छाया दिखी मैं तुरंत वहां पहुंच कर बैठ गया। धीरे-धीरे वहां भी काफी संख्या में लोग आकर बैठ गए। लोगों से बातचीत के दौरान मुझे पता लगा के काफी संख्या में लोग दूसरे स्टेट से आए हुए थे। दो-तीन पेरेंट्स से बात की तो उन्होंने बताया कि वह हरियाणा के रोहतक से बाइक पर बैठ कर आए हैं। हम लोग बातचीत ही कर रहे थे कि अचानक मौसम ने करवट ली और तेज-तेज हवा चलने लगी।



मौसम अचानक से बदल गया और बहुत तेज आंधी तूफान आ गया। तूफान के साथ-साथ बारिश भी शुरू हो चुकी थी। सब लोगों के पास आंधी, तूफान और बारिश से बचने का कोई चारा नहीं था। तूफान इतना तेज था कि वहां कुछ सफेदे के पेड़ थे जो काफी तेज हिल रहे थे। डर इस बात का था कि कोई पेड़ गिर ना जाए। वहां जितने भी लोग थे सब बारिश में भीग चुके थे। जिस छज्जे की आड़ में हम लोग बैठे हुए थे उस बिल्डिंग के पांचवें फ्लोर से टीन शेड उड़ती हुई आई और नीचे गाड़ियों के ऊपर आकर गिरी, कई कारें और गाड़ियां डैमेज हो गई। वहां आसपास काफी संख्या में लोग भी खड़े थे लेकिन शुक्र है भगवान का की वह टीन शेड उनके ऊपर नहीं गिरी।



डिजिटल जोन की बिल्डिंग काफी बड़ी थी प्रशासन चाहता तो सब लोग वहां अंदर वेटिंग रूम में बैठ सकते थे। अगर इस आंधी तूफान में लोग घायल हो जाते तो क्या गुजरती उन कैंडीडेट्स के ऊपर की आए थे पेपर देने और हादसे का शिकार हो गए।



अभी पूरी दुनिया में कॉविड 19 पूरी तरह गया नहीं है और कई देशों में अभी भी स्थिति सामान्य नहीं है। सवाल यह उठता है की एग्जाम सेंटर इतनी दूर क्यों रखे जाते हैं। अगर सरकार चाहे तो हर स्टेट में कैंडिडेट्स को नियर बाई सेंटर में एग्जाम दिलवाया जा सकता है।



आंधी तूफान और बारिश के बीच एग्जाम खत्म होने का इंतजार करते पेरेंट्स। शाम 5:00 बजे एग्जाम खत्म होने के बाद सारे कैंडीडेट्स बाहर आ गए। अच्छी बात यह रही की तूफान थम चुका था किंतु अभी बारिश हो रही थी। सारे लोग बारिश में भीगते हुए अपने-अपने डेस्टिनेशन की ओर चल दिए। मेट्रो स्टेशन के एंट्री गेट पर बहुत ज्यादा भीड़ थी। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद हमने मेट्रो पकड़ ली और शाम 8:00 बजे तक अपने घर पहुंच गए।



यह थी SSC CHSL tier 1 exam 2022 की यात्रा वृत्तांत।

SSC CHSL Admit Card Tier 1 Download

Skill Test for Stenographer



निर्माण मजदूरों के लिए फ्री बस पास

दिल्ली सरकार ने प्राइवेट मजदूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ा दिया

doctor strange 2 release date in indiamobile gadgets under 1000

राजस्थान में अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है

---------------


Post a Comment

0 Comments