Sidhu Musewala's last farewell in Khet Mein and last album Last Ride on Tractor 5911

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सिद्धू मूसेवाला की अंतिम विदाई में शामिल हुए लाखों लोग


पैतृक गांव में अंतिम विदाई

खबरों के अनुसार पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला को उनके पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी गई। अंतिम विदाई में लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए।


सिद्धू मूसेवाला को उनके प्रशंसकों ने भारी मन से अंतिम विदाई दी। अंतिम विदाई में शामिल उनके चाहने वालों की आंखें नम थी।


सिद्धू मूसेवाला का सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद उनके पार्थिव शरीर को मानसा के अस्पताल में रखा गया। बाद में उनके चाहने वालों को अंतिम दर्शनो के लिए उनके पार्थिव शरीर को उनके द्वारा बनवाई जा रही हवेली में रखा गया था।


वहां का माहौल तब बेहद गमगीन हो गया जब उनके पिता बलकौर सिंह ने अपने बेटे के सिर पर लाल रंग की पगड़ी बांधी और उनकी मां और बहनों ने उनके सिर को सेहरा से सजा दिया।


फिल्म इंडस्ट्री एवं जनप्रतिनिधियों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी

सिद्धू मूसेवाला को जनप्रतिनिधियों ने और पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने कलाकारों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उनकी शव यात्रा गांव में गलियों में होते हुए खेतों तक पहुंची। उनका अंतिम संस्कार उनके अपने खेतों में किया गया जिसमें हजारों लोग शामिल हुए।


हमेशा चर्चाओं में रहे सिद्धू मूसेवाला 

हमेशा चर्चाओं में रहते थे सिद्धू मूसेवाला निजी जिंदगी में भी और फिल्मी जिंदगी में भी। उनको खेती करने में बड़ा मजा आता था और खेती भी वे अपने एक स्पेशल ट्रैक्टर से किया करते थे। उन्होंने कई मशहूर गीत अपने ट्रैक्टर पर ही गाए। उनका ट्रैक्टर 5911 उन्हें इतना प्यारा था की उन्होंने एक बार इंटरव्यू में कहा कि जिस तरह से मेरा शरीर है, वैसा ही मेरा ट्रैक्टर 5911 है।


इस घटनाक्रम के कुछ दिन पहले उन्होंने खेतों में काम करते हुए और 5911 पर सवार होकर एक वीडियो शूटिंग की थी। उनकी अंतिम यात्रा उनके ट्रैक्टर पर ही निकाली गई। उनके चाहने वालों ने उनकी इस ट्रैक्टर पर अंतिम यात्रा को लास्ट राइड बताया।


बड़े संयोग की बात है कि सिद्धू मूसेवाला की आखरी एल्बम का नाम भी लास्ट राइड था। और यह भी एक एक संयोग है कि जिस हवेली का निर्माण कार्य अंतिम चरण में था उसी हवेली में उनकी अंतिम विदाई हुई।

अपने जन्मदिन पर सिद्धू मूसेवाला इस हवेली में शिफ्ट होना चाहते थे। उनका बर्थडे 11 जून को है इसलिए अपने बर्थडे पर वह हवेली में प्रवेश करना चाहते थे। उनकी शादी भी हवेली अपने में प्रवेश के बाद होनी थी।

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