Lata Mangeshkar(लता मंगेशकर)

 Lata Mangeshkar

#LataMangeskar

LATA-MANGESHKAR
LATA-MANGESHKAR

LATA-MANGESHKAR-AND-JAWAHARLAL-NEHRU
LATA-MANGESHKAR-AND-JAWAHARLAL-NEHRU

Lata Mangeshkar ने दुनिया से अलविदा कहा


Lata Mangeshkar को सुरों की सरस्वती कहा जाता है। इन्हें ही तो भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है। क्या लिखे इन के बारे में हमारे पास वह शब्द ही नहीं है। जो उनके कद को छू सके, बहुत-बहुत-बहुत ही ऊंचा कद था उनका। शायद ही कोई भारत का ऐसा नागरिक होगा जिसके दिल को Lata Mangeshkar ने अपने गानों से नहीं छुआ होगा। 51 साल के अपने इस कैरियर में लता जी ने 75 से ज्यादा अवार्ड अपने नाम किए हैं। पर क्या यह अवार्ड भी उनके कद को छु पाए। शायद नहीं, वह अवार्ड भी अपने ऊपर फक्र करते होंगे कि हम इन के हाथों में जा रहे हैं। शायद ही कोई ऐसा इंसान हो जो उनसे भावनात्मक रूप से नहीं जुड़ा हो। बचपन से उनको सुनते आ रहे हैं और आज इतनी उम्र हो गई पता ही नहीं चला। उनकी गानों के माध्यम से कितनों ने अपने दिलों की भावनाओं को प्रकट किया है और महसूस किया है। इतना बड़ा मुकाम हासिल करने के बावजूद भी कितनी शालीन और सादगी थी उनके अंदर।

Lata-Mangeshkar
Lata Mangeshkar


92 साल की उम्र में लता दीदी (Lata Mangeshkar) ने दुनिया से अलविदा कहा।


92 साल की लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने कोरोना से और निमोनिया से लड़ते हुए इस संसार से अलविदा कहा। 29 दिन की इस जंग में लता दीदी हमेशा हमेशा के लिए चली गई। डॉक्टरों ने कहा कि उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उनके निधन के बाद सोमवार को भारत में राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया। राष्ट्रीय ध्वज भी आधा झुका दिया गया।


Lata-Mangeshkar
Lata Mangeshkar

बंगाल ने लता दीदी को दी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि (Lata Mangeshkar )


Lata-Mangeshkar
Lata-Mangeshkar

बंगाल ने लता दीदी को श्रद्धांजलि देते हुए 15 दिन तक ट्रैफिक सिग्नलों और पब्लिक पैलेस में लता जी के गाने बजाने का ऐलान किया।


लता मंगेशकर ( Lata Mangeshkar) ने अलग-अलग भाषाओं में गाने गाए

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने अपने 8 दशक के शानदार कैरियर में हिंदी, मराठी, तमिल, कन्नड़ और बंगाली सहित 36 भारतीय भाषाओं में 25 हजार से ज्यादा गीत गाए।


लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को मिले अवॉर्ड्स का भंडार इस प्रकार है


1959 में फिल्मफेयर अवॉर्ड्स मधुमति फिल्म के के गाने 'आजा रे परदेसी' के लिए दिया गया।


1963 में फिल्मफेयर अवार्ड (20 साल बाद) फिल्म के गाने 'कहीं दीप जले कहीं दिल' के गाने के लिए दिया गया।


1966 में फिल्म फेयर अवार्ड, खानदान फिल्म के गाने 'तुम ही मेरे मंदिर, तुम ही मेरी पूजा, के गाने के लिए दिया गया।


1969 में राष्ट्रीय अवार्ड पद्म भूषण से सम्मानित किया गय।


1970 में फिल्मफेयर अवार्ड, जीने की राह फिल्म के गाने 'आप मुझे अच्छे लगने लगे' पर दिया गया।


1972 में नेशनल फिल्म अवॉर्ड, परिचय फिल्म के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का अवार्ड प्राप्त हुआ।


1974 में नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स, कोरा कागज के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का प्राप्त हुआ।


1989 में राष्ट्रीय सम्मान अवार्ड 'दादा साहब फाल्के' से सम्मानित किया गया।


1990 में नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स, 'लेकिन' के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का प्राप्त हुआ।


1993 में फिल्मफेयर अवॉर्ड्स लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त हुआ।


1994 में फिल्मफेयर अवॉर्ड्स, हम आपके हैं कौन फिल्म के गाने 'दीदी तेरा देवर दीवाना' के लिए मिला।


1997 में महाराष्ट्र के अवॉर्ड्स, 'महाराष्ट्र भूषण' से सम्मानित किया गया।


1999 में राष्ट्रीय अवार्ड पदम विभूषण से लता मंगेशकर को सम्मानित किया गया।


2001 में राष्ट्रीय अवार्ड भारत रत्न से लता मंगेशकर को सम्मानित किया गया।


2001 में महाराष्ट्र के अवॉर्ड्स, 'महाराष्ट्र रत्न' दिया गया।


2004 में फिल्मफेयर अवॉर्ड्स की गोल्डन जुबली पर लता मंगेशकर को गोल्डन ट्रॉफी दी गई।


Lata Mangeshkar लता मंगेशकर में भारतीय नारी का हर रूप

लता मंगेशकर के गानों में भारत के कोने कोने में रहने वाली नारियो का अक्स दिखता था। भारत के किसी भी राज्य का गीत हो, सबको वह अपना सा लगता था, लगता था जैसे लता जी उनके लिए ही गा रही है। उनके गानों में इतनी आत्मीयता होती थी, कि हम अपने मन की भावनाओं को व्यक्त करते थे। हमें लगता था यह गीत हमारे लिए ही बना है।


लता दीदी को नूरजहां से मल्लिका-ए-तरन्नुम का खिताब संभाला, किंतु लता दीदी ने अपनी स्वतंत्र शैली विकसित की, अपनी अलग ही स्टाइल स्वतंत्र रूप से पेश की। और उनकी यही शैली हिंदुस्तान के दिलों में बसती चली गई। उम्र की कई ऐसे पड़ाव आए जब लता दीदी के गानों ने ही हमें सुकून दिया, हमें संभाला, हमारी भावनाओं को सशक्त बनाया। कितने ही दिलों को उनके गाने के माध्यम से ही अपनी भावनाएं प्रकट करने का मौका मिला।


लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने अपने समकालीन गीतकारों के साथ काम किया। लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने नूरजहां, सुरैया आशा भोसले, और उस जमाने के मशहूर सिंगर मुकेश, मोहम्मद रफी, किशोर दा के साथ बखूबी जोड़ी निभाई।


लता मंगेशकर (Lata Mangeshkarको पूरे राजकीय सम्मान के साथ तीनों सेनाओं ने अंतिम विदाई दी। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए भारत के प्रधानमंत्री सहित कई बड़े-बड़े राजनेता और फिल्म इंडस्ट्री के लगभग सारे कलाकार मौजूद रहे। जहां जहां से इस महान गायिका की यात्रा निकली वहां पर चारों तरफ के लोग और दूर-दूर से आकर सड़क के दोनों ओर इकट्ठा होकर अपनी नम आंखों से उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। जो वहां जाकर नहीं दे पाए वह अपने घरों में टीवी चैनल के लाइव प्रसारण के माध्यम से अपनी नम आंखों से, अपनी भावनाओं को कंट्रोल करते हुए श्रद्धांजलि दी। लेकिन इस दिल का क्या करें, ना जाने कितने ही गीत दिमाग में आ रहे हैं जा रहे हैं। दिमाग अपने आप से मंथन कर रहा है, कि उनका कौन सा गीत ज्यादा अच्छा है। यही सोचते सोचते कब शाम हो गई पता ही नहीं चला। हमारे पास ऐसे शब्द ही नहीं है जो उनकी महानता के बखान के लिए उनकी बराबरी कर सकें। शब्दों की डिक्शनरी को भी नए सिरे से अपडेट किया जाना चाहिए। ऐसे दिव्य आत्माओं के लिए दिव्य शब्द  डिक्शनरी में मौजूद होने चाहिए, जो उनके कद की बराबरी कर सके। लता (Lata Mangeshkar) को इंसानों की श्रेणी में रखना व्यर्थ है क्योंकि वह तो एक भावना है एक इच्छा है जो सबके दिलों में रहती है।

ENGLISH SPOKEN COURSE

my youtube channal take education







Post a Comment

0 Comments